हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत को "बिहार अल-अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیه السلام:
قَالَ مَا مِنْ أَحَدٍ قَالَ فِی اَلْحُسَینِ شِعْراً فَبَکی وَ أَبْکی بِهِ إِلاَّ أَوْجَبَ اَللَّهُ لَهُ اَلْجَنَّةَ وَ غَفَرَ لَهُ
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक (अ.स.) ने फ़रमाया:
जो कोई इमाम हुसैन (अ.स.) के लिए अशार पढ़ता है, अगर वह खुद रोता है और दूसरों को रुलाता है, तो अल्लाह सर्वशक्तिमान उसे जन्नत में ले जाएगा और उसके गुनाहो को माफ कर देगा।
बिहार अल-अनवार, भाग 44, पेज 282
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